ENG v IND 2025: “अगर मैं भारतीय चयनकर्ता होता…” – माइकल क्लार्क ने इंग्लैंड टेस्ट में रोहित शर्मा को चुनने के लिए बताई एक शर्त।

दोस्तों, क्रिकेट का वो पुराना सिद्धांत याद है — “फॉर्म तो टेंपररी है, क्लास परमानेंट!” यही बात आज Michael Clarke ने Rohit Sharma के संदर्भ में दोहराई है। साल 2025 की इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम की चयन समिति के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है: “क्या IPL 2025 के खराब प्रदर्शन के बावजूद Rohit को टीम में जगह मिलनी चाहिए?” लेकिन Clarke का जवाब साफ है — “हाँ, पर एक शर्त के साथ!”

IPL का ख़राब फॉर्म vs टीम इंडिया का ‘हिटमैन’

इस साल का IPL Rohit के लिए किसी सपने जैसा नहीं रहा। पहले तीन मैचों में स्कोर 0, 8, 13… यानी बल्ले से चुप्पी। फैंस की टेंशन बढ़ना लाज़मी है। लेकिन यहीं वो मोड़ आता है, जहाँ Clarke जैसे विशेषज्ञ कहते हैं — “IPL फॉर्म को टेस्ट क्रिकेट के साथ मिक्स मत करो!” उनका तर्क है: “Rohit की क्लास पर सवाल नहीं, बस रोल बदलने की ज़रूरत है।”

क्यों No.5 पर बल्लेबाजी करें Rohit?

Clarke की सलाह दिलचस्प है: “Rohit को ओपनर की जगह मिडिल ऑर्डर में भेजो।” उनका मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (जहाँ Rohit ने 3 टेस्ट में सिर्फ़ 31 रन बनाए) के बाद से ही उनकी तकनीक को नई बॉल के सामने एक्सपोज किया गया है। इसलिए, दूसरी नई बॉल (50-60 ओवर के बाद) के साथ खेलना उनके लिए बेहतर होगा। याद कीजिए 2020 के एडिलेड डे-नाइट टेस्ट में Rohit ने नंबर 5 पर बल्लेबाजी करते हुए कैसे 40 रन की पारी खेली थी — शांत, टिकाऊ, और टीम को सपोर्ट करने वाली।

इंग्लैंड में Rohit का ‘अच्छा प्रदर्शन’

साल 2021 का इंग्लैंड दौरा Rohit के करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। 4 टेस्ट में 368 रन, ओवल में पहला ओवरसीज़ शतक (127), और लॉर्ड्स की विजयी पारी (83) — ये सब उनकी टेस्ट क्रिकेट में वापसी की कहानी कहते हैं। Clarke इसे “लीडरशिप का असर” बताते हैं। उनका कहना है — “अगर मैं सेलेक्टर होता, तो Rohit को सिर्फ़ कप्तानी नहीं, बल्कि उनके अनुभव के लिए टीम में रखता। इंग्लैंड की पिचों पर उनकी समझ टीम को रनों के साथ मानसिक सपोर्ट देगी।”

फैंस का कॉन्फिडेंस vs आंकड़ों का सच

हाँ, IPL के आंकड़े डराते हैं — पिछले 10 पारियों में सिर्फ़ दो बार 20+ स्कोर। लेकिन यहाँ हमें वो 2023 का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल याद आता है, जहाँ Rohit ने दबाव में 78 रन बनाकर भारत को जिताया था। Clarke का कहना सही है — “क्लास कभी रिटायर नहीं होती।”

फॉर्म फीकी पड़ सकती है, पर अनुभव नहीं!”

टेस्ट क्रिकेट सिर्फ़ स्ट्राइक रेट या रनों का खेल नहीं, बल्कि पैशन और पेशेंस का भी है। Clarke की सलाह मानें, तो Rohit की कप्तानी में भारत के पास इंग्लैंड में जीत का मंत्र हो सकता है।

क्या आपको लगता है कि Rohit को इंग्लैंड टेस्ट में कप्तान बनाए रखना चाहिए? या फॉर्म के चलते नए लीडर को मौका मिले? कमेंट में बताएँ!

Leave a comment