क्रिकेट का यह महाकुंभ IPL 2025 जितना मैदान पर धमाल दिखा रहा है, उससे कहीं ज़्यादा सोशल मीडिया पर चर्चाओं, मीम्स और ट्रोलिंग का तूफ़ान है। और इस बार, इस तूफ़ान के बीच चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व बल्लेबाज़ अंबाती रायुड्डू का नाम सुर्खियों में है। PBKS के हाथों CSK की हार के बाद ट्रोलर्स ने रायुड्डू को निशाना बनाया, लेकिन उनका जवाब था – “मैं थाला का फैन था, हूँ, और रहूँगा!”
CSK लॉयल्टी का ‘कीमत’? सोशल मीडिया ट्रोलिंग!
रायुड्डू, जो अपने करियर के आख़िरी दौर में CSK के लिए जाने जाते हैं, आज भी टीम और महेंद्र सिंह धोनी के सबसे बड़े समर्थक हैं। लेकिन इस लॉयल्टी की कीमत वह सोशल मीडिया ट्रोलिंग के रूप में चुका रहे हैं। चाहे RCB को उनकी ट्रॉफीलेस जर्नी पर ट्रोल करना हो या हार्दिक पंड्या की कप्तानी को सपोर्ट करना – रायुड्डू का हर कमेंट ट्रोलर्स के लिए ‘ट्रेंडिंग टॉपिक’ बन जाता है। IPL 2025 में CSK के खराब प्रदर्शन (5 मैचों में 4 हार) के बाद तो यह आग और भभक उठी।
“ट्रोलर्स, पैसे चैरिटी को दो!” – रायुड्डू का धमाकेदार काउंटर
10 अप्रैल को, रायुड्डू ने ट्विटर (X) पर एक संदेश पोस्ट किया, जो सीधे ट्रोलर्स और उनके ‘पेड PR’ पर चोट करता है: “मैं थाला का फैन था, हूँ, रहूँगा… आपकी राय या ट्रोलिंग से मेरे फैन होने में 1% भी फर्क नहीं पड़ेगा। पैसे चैरिटी को दान करो, ताकि गरीबों का भला हो!” यह पोस्ट CSK फैन्स के लिए एक ‘पावर पंचलाइन’ बन गई, जबकि RCB और MI फैन्स ने इसे लेकर नए मीम्स बनाना शुरू कर दिया!
कमेंट्री बॉक्स में हुई ‘धमा-चौकड़ी’
हाल ही में, ESPNcricinfo के एक पैनल डिस्कशन में रायुड्डू और सैनजय बंगार के बीच तीखी बहस हुई। बात शुरू हुई MI के ‘इंपैक्ट सब्स्टिट्यूट’ रणनीति से – जहाँ रोहित शर्मा को बेंच पर बैठाया गया। बंगार ने कहा, “रोहित की अनुपस्थिति लीडरशिप की कमी दिखा रही है।” लेकिन रायुड्डू ने तुरंत जवाब दिया: “हार्दिक को सलाह की ज़रूरत नहीं! कप्तान को अकेला छोड़ दो… धोनी के पीछे भी तो 10 लोग नहीं लगे रहते थे!” यह बहस वायरल हो गई, और रायुड्डू को ‘ब्लाइंड CSK फैनबॉय’ कहकर ट्रोल किया जाने लगा।
IPL 2025: CSK की चुनौतियाँ और ‘थाला’ का जादू
इस सीज़न में CSK का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। लेकिन, जैसा कि रायुड्डू ने कहा, “थाला का जादू अभी बाकी है!” रायुड्डू का केस साबित करता है कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और ‘फैन वॉर्स’ चलते रहेंगे, लेकिन असली फैन वही है जो हार-जीत में अपने हीरो के साथ खड़ा रहता है। आख़िर, क्रिकेट एक खेल है, और टीमें उतार-चढ़ाव से ही सीखती हैं।
क्या आपको लगता है कि IPL में टीम लॉयल्टी को इतनी सीरियसली लेना चाहिए? या फिर यह सिर्फ़ ‘मज़ाक का हिस्सा’ है? कमेंट में बताएँ!